नरेंद्र मोदी ने किया मोटिवेट अपने इंडिया क्रिकेट के चीतों को
2011 के वर्ल्ड कप के बाद सभी इंडियन लोगों को यह लगा था कि हम इस बार का वर्ल्ड कप फिर से ले जाएंगे क्योंकि एक करके इंडिया ने अपने जो मातु को पूरे तरीके से जीत लिया था और सेमीफाइनल में जाकर के अपनी बढ़िया जीत को फाइनल के लिए तैयार कर लिया था
9 मातु की जीत के बाद जब से सेमीफाइनल का मैच काफी बड़े दर्जे से जीत गया था अच्छी बॉलिंग और बहुत बढ़िया बैटिंग के साथ तो सभी देशवासियों को लगा था कि इस बार इंडिया फिर से वर्ल्ड कप ले आएगी मगर जिस तरीके से 19 तारीख होने वाले फाइनल के मैच में शुरुआती चरण में जब टॉस जीत के ऑस्ट्रेलिया ने बोलिंग लेने का डिसीजन लिया तो वहां पर रोहित शर्मा ने अपना ओपिनियन यह दिया था कि अगर मैं टॉस जीता तो तब भी बैटिंग ही करता
इस तरह का स्टेटमेंट देने के बाद रोहित शर्मा ने अपनी टीम को लेकर के क्रिकेट मैदान पर बैटिंग का निर्णय लेकर के मैच को शुरू किया शुरुआती कुछ 9 ओवरों के अंदर में टीम इंडिया ने अपना एक विकेट शुभमन गिल को खोने के बाद रोहित शर्मा ने 70 रन जोड़ लिए थे जिसमें तीन 6 और चार से अधिक 4 थे
इस तरह से जब मैच चल रहा था तो हम सभी को लगा था कि इंडिया टीम इस बार 350+ से ऊपर का रन टारगेट ऑस्ट्रेलिया को देगी मगर रोहित शर्मा के विकेट गिरने के बाद फिर तो मानव की बिट्टू की झड़ी सी लग गई जो भी क्रिकेटर जो टॉप आर्डर चल रहे थे वह धीरे-धीरे अपनी विकेट खोकर के पेवेलियन की तरफ लौट रहे थे
इसके बाद महान किंग कोहली का भी विकेट उनकी खुद की बॉल से स्टंप लग गया और गलती से उनकी यह विकेट चली गई विकेट गिरने के बाद कॉलेज छोड़ने के लिए सुन होकर स्टेडियम पर आगे पीछे देखने लगे स्टेडियम में बैठी जनता पूरे तरीके से सन पड़ गई थी
ऐसा करते-करते काफी देर तक केवल राहुल ने भी अपनी पारी को काफी अच्छी तरीके से चलाया और हमें लगा था कि अब कल राहुल और सूर्यकुमार आने तक काफी रन हम जोड़ लेंगे मगर ऐसे बिल्कुल भी ना हो पाया इंडियन बड़ी 240 रन पर से सिमट गई थी जिसके बाद फिर हमें बॉलिंग पर अपना करिश्मा दिखाना था जो कि पूरे तरीके से स्वामी और बुमराह पर डिपेंड था
जैसे ही मैच की शुरुआत हुई तो स्वामी ने अपने जादू दिखाया था और अपनी पहले विकेट लेकर के डेविड वार्नर को प्रोविजन भेज दिया उसके बाद उन्होंने दो विकेट लेकर के मैच को आगे की तरफ बढ़ाया हमें लगा था कि अब इंडिया इन तीन विकटन के साथ आगे मैच को और अच्छे से परफॉर्म करेंगी और वर्ल्ड कप की और तक सारे व्यक्ति गेट देगी मगर ऐसा बिल्कुल नहीं हो पाया
ऑस्ट्रेलिया के टॉप के प्लेयर ट्रेवल्स हेड ने इंडियन के इस प्लान को नाकाम होने के लिए पूरे तरीके से मूड में थे जिन्होंने एकाएक करते हुए अपनी पारी को 100 प्लस उसके बाद 50 रन और जोड़कर लघु से उनके साथ उनकी भी 50 रन की पारी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने यह वर्ल्ड कप 4 विकेट खोकर के पा लिया था
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सभी को यह लगा था कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में नरेंद्र मोदी आकर के इंडिया टीम को अपने हाथ से वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को थाम आएंगे मगर ऐसे बिल्कुल नहीं हुआ केले के जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया इन नेता और अपने मोदी जी उसे ट्रॉफी को लेकर तो आते हैं मगर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान को उसे ट्रॉफी को पकड़ा करके बिना फोटो क्लिक कारण वहां से तुरंत निकल जाते हैं
इसके बाद काफी देर तक ऑस्ट्रेलिया कप्तान स्टेज पर खड़े रहते हैं उसे ट्रॉफी को होल्ड करे हुए
नरेंद्र मोदी ने अपने चीतों का साहस बढ़ाया इंडिया टीम का
इंडिया टीम हारने के बाद अपनी ड्रेसिंग रूम में जाकर के लगभग सभी प्लेयर अपनी आंखों के नाम करते हुए ड्रेसिंग रूम में पहुंचे उनके पीछे ही जिस तरीके से नरेंद्र मोदी ने ट्रॉफी को पकड़ा इस समय इंडियन रूम के ड्रेसिंग रूम में जाकर के मोदी जी ने हर प्लेयर को समझाया और मोटिवेट किया कि यह वर्ल्ड कप आखरी वर्ल्ड कप नहीं था हमें और भी मौके मिलेंगे और मुझे घर पर अपनी इंडिया टीम पर और हम यह वर्ल्ड कप आज नहीं तो अगले साल जरूर लेकर आएंगे इस तरह की बात बोलकर के मोदी जी ने अपने चित्रों को शांत किया और समझाया कि आज भी हम हीरो है अपनी इंडिया टीम के लिए ऐसा लेडी है इंडिया टीम कोई और टीम ऐसी आसपास भी नहीं थी
जिस तरीके से इंडिया पर लगा था सभी माचो में अच्छा परफॉर्मेंस करते आ रही थी वहीं पर ही ऑस्ट्रेलिया से अपने फाइनल मैच को हारने के बाद सभी के चेहरे नीचे की तरफ झुक गए ऐसा सिर्फ ऑडियंस के साथ नहीं बल्कि सभी क्रिकेटर पैरों के साथ भी हुआ क्योंकि उन्होंने अपनी अच्छी पारी में अपना पूरा बेस्ट किया मगर फाइनल में आते ही टीम इंडिया आते ही कुछ ओवर में पूरी तरीके से ध्वस्त हो गई थी जिसके बाद बोल बाजी में इंडिया ने अपनी अच्छी फॉर्मेट देने के बाद मैच के मध्य में ही अपने सारे रंग बैठी थी इसके बाद इंडिया टीम को हर का सामना करना पड़ा और इस हार के सामने के बाद सभी की आंखें नम हो गई ऐसा सिर्फ स्टेडियम के अंदर नहीं बल्कि स्टेडियम के बाहर जो लोग फोन में या फिर अपने टीवी पर मैच देख रहे थे इन चीजों को संभालने और संवारने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पहुंचे और सभी फ्लेयरों को उनके पीछे के मातु को जीत के लेकर के लिए काफी उत्साहित किया और उन्हें समझाया की जीत और हर सिर्फ एक जरिया है इस गेम को जीतने या हारने का मगर आपने जो उसको परफॉर्मेंस से अपने पूरे वर्ल्ड कप में अपना नाम बनाया है इस दुनिया में वह किसी और टीम में नहीं किया इस तरह का साथ देने के बाद नरेंद्र मोदी हर किसी को अपने गले से लगा करके उनके आंसू को पूछते हुए पूरा साहस देने लगे
मोदी जी के इस बड़े साहस के बाद इंडिया टीम के चेहरे पर हल्की सी खुशी आई जिसके बाद इंडिया टीम आने वाले अगले माचो के लिए पूरे तरीके से तैयार है